गोड्डा : जिले में बारिश के बाद भी खरीफ फसल की बुआई को गति नहीं मिल पा रही है। जून के अंतिम सप्ताह व जुलाई के पहले पखवारे में बारिश की बेरूखी ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। उस वक्त तक जिले में महज पांच फीसद ही धनरोपनी हो पाई थी। जुलाई के दूसरे पखवारे में हुई बारिश के बाद कृषि कार्य में तेजी आई है लेकिन इसके बाद भी अपेक्षा के अनुरूप धनरोपनी का काम नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे का कारण मजदूरों की कमी और बिचड़ा तैयार न होना बताया जा रहा है।

विभाग के अनुसार इस वर्ष 48 हजार हेक्टेयर भूमि पर धनरोपनी का लक्ष्य रखा गया है। इसके अनुपात में अबतक मात्र 26 फीसद रोपनी का ही कार्य पूरा हो पाया है जबकि पांच अगस्त तक ही धनरोपनी का उत्तम समय है। इसके बाद धनरोपनी होने पर उत्पादन पर उसका असर पड़ेगा। गत वर्ष की तुलना में अबतक खरीफ की स्थिति बहुत बेहतर नहीं रही है। वहीं दूसरी ओर जुलाई माह में अबतक 214 मिमी रिकार्ड की गई है जो सामान्य है। जिला कृषि पदाधिकारी सुरेश तिर्की ने बताया कि बारिश से स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। अगर बारिश का दौर लंबा चलता है तो काफी हद तक लक्ष्य के करीब पहुंच जाएंगे वरना दिक्कत होगी। वैसे विभाग ने वैकल्पिक खेती की योजना भी तैयार की है। लेकिन परिस्थिति पर सब कुछ निर्भर करेगा। 15 अगस्त तक विभाग फसल के आच्छादन के लक्ष्य को देखेगा इसके बाद आगे की योजना बनाई जाएगी।
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